Category: हमारे अधिकार
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तुम बचे रहो प्रेम
सहसा एक फूल गिरा कई रंग गिरे डाल से नए रंग उगे आसमान सफेद बादलों से घिरा नन्हीं चिड़िया फूलों का रस ले उड़ी अगर तुम खोलोगे इस खिड़की को तो देख पाओगे बाहर जो घटित हो रहा है जैसे जीवन हर पल कुछ कहता है मैं प्रकृति को सुनती हूं अक्सर मेरी उदास शाम…